teacher day Speech

शिक्षा दिवस स्पीच teacher day Speech


दोस्तों शिक्षा दिवस भारत के प्रथम उप राष्ट्रपति एवं द्वितीय राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस 5 सितम्बर पर मनाया जाता है





शिक्षक वह माली हैं जो विभिन्न प्रकार के पौधे विद्यालय रूपी बगिया में लगाकर सींचता हैं जो समय आने पर विभिन्न प्रकार के फूल बनकर देश के कोने कोने में अपनी खुशबू विखेरते हैं।


डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के प्रथम उप राष्ट्रपति व द्वितीय राष्ट्रपति रहे वे भरतीय संस्कृति के संवाहक, प्रख्यात शिक्षक महान दार्शनिक और आस्थावन हिंदू विचारक थे उनके इन्ही गुणों के कारण भारत सरकार ने भारत रत्न से अलंकृत किया था।

जन्म = 5 सितम्बर 1888 ई. तिरुपति
मृत्यु = 17 अप्रेल 1995 ई. चेन्नई

इन शब्दों को बोलकर आप कोई इनकी कहानी बोल सकते है या फिर ये कहानी सुना सकते है

कहानी = एक बार की बात है कि एक पंडित जी राजा जी के महल में हप्ते में एक कथा करने जाते थे जैसे ही वह कथा के अंत मे बोलते के हरि मिले तो वन्दन छुटे तब वहाँ महल में एक पिंजरे में बन्द तोता कहता पंडित झूठा है ये बात सुनकर पंडित जी बुरा लगता बहुत बार ऐसा ही हुआ तब जाकर पंडित जी ने अपने गुरु जी को ये बात बताई के गुरु जी जब भी में कथा में बोलता हूं कि हरि मिले तो वन्दन छुटे तो तोता एक ही शब्द कहता है कि पँडित झूठा है आप ही कोई उपाय बताएं गुरु जी , गुरू जी बोले चलो फिर तोते से ही मालूम करते है जैसे ही गुरू जी ने तोते से मालूम किया तो तोता वोला गुरु जी एक बार एक ऋषि के आश्रम में मंत्र जाप चल रहे थे मैने एक मंत्र याद करके बोला हरि मिले तो वन्दन छुटे वहाँ पर बैठे ऋषि के शिष्यों ने कहा अरे ये तो बोलने वाला तोता हैं ओर उसी वक़्त मुझे लौहे के पिंजरे में डाल दिया एक बार उन ऋषि के एक भक्त आये जो सेठ जी थे उन्होंने मुझे देखा और वह भी मुझे बोलने बाला तोता कहकर ले गए फिर उहोंने भी मुझे पिंजरे में डाल दिया एक बार सेठ जी की बादशाह के घर पर दावत थी सेठ जी ने सोचा के राजा को क्या इनाम दिया जाए सेठ जी मुझे ही राजा को भेंट में दे दिया रानियां मुझे देकर बहुत खुश हुई के ये तो बोलने वाला तोता हैं इन्होंने भी मुझे सोने के पिंजरे में डाल दिया फिर भी मै रहा पिंजरे में ही गुरु जी तोते की बात समझ गए और तोते के कान में कुछ कहा अगले दिन तोता उलटा पड़ा हुआ था सैनिको ने राजा को सूचित किया राजा ने जैसे ही पंजरे को खुलवाया वैसे ही तोता उड़ गया और उड़ते उड़ते वोला गुरु मिले तो वन्दन छुटे गुरु मिले तो वन्दन छुटे कहते हुए उड़ गया
दोस्तों ये सही बात है अगर सही गुरु मिल जाए या सही गाइडलाइंस मिल् जाए तो दोस्तो दुनिया में हम कुछ भी कर सकते है इसीलिए तो गुरु का दर्जा माता पिता के बाद सबसे बड़ा है


कर दिखाओ कुछ ऐसा कि दुनिया करना चाहे आप जैसा

गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः।
गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः॥




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